शनिवार, 26 जून 2021

भारत के संविधान की विशेषताएं

 

भारत का संविधान 


 

भारतीय संविधान 1949 में निर्मित एवं 26 जनवरी सन् 1950 को लागू किया गया था। भारत के संविधान के निर्माण में 2 वर्ष 11 माह और दिन लगे थे। भारतीय संविधान की प्रस्तावना को "भारतीय संविधान की आत्मा" कहा गया हैं। 11 दिसम्बर 1946 को डाॅ. राजेन्द्र प्रसाद को संविधान सभा का स्थायी अध्यक्ष चुना गया। बी.एन.राव को संवैधानिक सलाहकार नियुक्त किया गया। 13 दिसम्बर, 1946 को पं. जवाहर लाल नेहरू ने "उद्देश्य प्रस्ताव" प्रस्तुत कर संविधान की आधारशिला रखी। इस प्रस्ताव में भारत को स्वतंत्र सम्प्रभु गणराज्य घोषित किया गया। भारतीय संविधान की विशेषता यह है की इस संविधान कि पूर्ववर्ती सभी प्रमुख विदेशी संविधानो की श्रेष्ठ व्यवस्था और रीति रिवाजों को अपनाने की कोशिश की हैं। एक ओर भारत में अमेरिका की तरह राष्ट्रपति का पद है तो दूसरी ओर अंग्रेजी ढंग की संसदीय व्यवस्था, आयरलैंड की तरह नीति नीति निर्देशक तत्त्व, आस्ट्रेलिया और कनाडा की तरह कुछ संघीय विधान इत्यादि हैं।

 

भारतीय संविधान के स्त्रोत 

1. मौलिक कर्तव्य                            =   पूर्व सोवियत संघ
2. संसदीय प्रणाली                           =   ब्रेटेन
3. मौलिक अधिकार                         =   अमेरिका
4. सर्वोच्च न्यायालय का संगठन          =   अमेरिका
5. संघात्मक व्यवस्था                        =   कनाडा
6. उपराष्ट्रपति का पद                        =  अमेरिका
7. राज्य के नीति निदेशक तत्व             =  आयरलैंड
8. संसद एवं विधान मण्डल की प्रक्रिया  =  ब्रिटेन

 9. आपातकालीन उपबन्ध                   =  जर्मनी
10. गणतन्त्र                                    =  फ्राँस
11. संसदीय विशेषाधिकार                  =  ब्रिटेन
12. समवर्ती सूची                              = ऑस्ट्रेलिया
13. प्रस्तावना की भाषा                      = ऑस्ट्रेलिया
14. एकल नागरिकता                        =  ब्रिटेन

 

 

भारत के संविधान की मुख्य विशेषताएं

1. स्वतंत्र देश का गणराज्य 

भारतीय संविधान की पहली विशेषता यह है कि इसका निर्माण अप्रत्यक्ष रूप से गये जनता के प्रतिनिधियों की प्रभुसत्ता सभा द्वारा हुआ हैं।

2. विश्व का सबसे बड़ा संविधान 

भारत के संविधान की दूसरी विशेषता यह है कि इसमे 395 अनुच्छेद एवं 8 अनुसूचियां है। भारत के संविधान मे केन्द्र सरकार, राज्य सरकार, प्रशासन सेवाओं, निर्वाचन इत्यादि पर विस्तार से प्रकाश डाला गया हैं। भारतीय संविधान विश्व का सबसे बड़ा संविधान हैं। भारत के वर्तमान संविधान मे 444 अनुच्छेद एवं 12 अनुसूचियां हैं।

 

3. अस्तह: कठोर एवं अस्तह: लचीला

भारत का संविधान ना तो पूर्ण रूप से कठोर है और ना ही पूर्ण रूप से लचीला। भारतीय संविधान में संशोधन के लिये एक विशेष प्रक्रिया एवं विशेष बहुमत की व्यवस्था हैं।

4. लिखित एवं निर्मित संविधान 

भारत के संविधान की चौथी व्यवस्था संविधान का लिखित एवं निर्मित होना हैं। इस संविधान के निर्माण मे 2 वर्ष 11 माह का समय लगा था।

5. संविधान के विदेशी स्त्रोत 

भारत के संविधान विभिन्न देशो से लिया गया हैं। इस संविधान सभी प्रमुख संविधानों की श्रेष्ठ व्यवस्था और रीति रिवाज ग्रहण किये गए हैं।

6. लोकतांत्रिक राज्य 

भारत के संविधान की एक विशेषता यह है कि यह लोकतांत्रिक गणराज्य हैं। भारत मे ब्रिटिश लोकतन्त्र के अनुरूप लोकतंत्र की स्थापना की गई हैं। भारत मे प्रत्यक्ष लोकतंत्र के स्थान पर अप्रत्यक्ष लोकतन्त्र की स्थापना की गई है।

 

7. धर्मनिरपेक्ष संविधान 

धर्मों के केंद्र स्थल भारत मे संविधान एवं निरपेक्ष राज्य की स्थापना करता हैं। भारत में सभी नागरिक अपनी इच्छानुसार अपने धार्मिक विश्वासों को धारण करने तथा उनके अनुसार आचरण करने के स्वतंत्र हैं।

8. संसदीय व्यवस्था 

भारत मे संसदीय शासन प्रणाली की स्थापना की गई हैं। कार्यपालिका संसद के प्रति उत्तरदायी होती हैं। संसद का उच्च सदन राज्य सभा एवं निम्न सदन लोक सभा हैं। लोक सभा में बहुमत दल का नेता प्रधानमन्त्री होता हैं।

9. एकल नागरिकता एवं न्याय व्यवस्था 

भारत के संविधान मे एकल नागरिकता की व्यवस्था की गई है। संघात्मक ढांचे के साथ भारतीय संविधान मे एकीकृत न्यायपालिका का गठन किया गया हैं।

10. मौलिक अधिकार 

भारत के संविधान मे मौलिक अधिकार अमेरिका के संविधान से लिए गए हैं। मौलिक अधिकारों का उद्देश्य सरकार अथवा मन्त्रिमण्डलों को मनमानी करने से रोकना हैं एवं सभी नागरिकों को अपने व्यक्तितव का विकास करने का अवसर प्रदान करना हैं।

 

गुरुवार, 24 जून 2021

UPSSSC PET EXAM Hindi Grammar

 हिन्दी व्याकरण 


 
संधि की परिभाषा और उसके प्रकार
👉 रचना के आधार पर संज्ञा के भेद – 3
👉 संधि के भेद – 3
👉 स्वर संधि के भेद – 5
👉 समास के भेद – 6
👉 तत्पुरुष समास के भेद – 6
👉 कारक के प्रकार – 8
👉 वचन कितने प्रकार के है – 2
👉 लिंग के प्रकार – 2
👉 काल के भेद – 3
👉 विशेषण के भेद – 4
👉 सर्वनाम के भेद – 6
👉 क्रिया विशेषण के भेद – 4
👉 क्रिया के प्रकार – 2
👉 छंद के प्रकार – 2
👉 अलंकार के प्रकार – 3
👉 रस कितने प्रकार के होते है – 9
👉 शब्द शक्ति के प्रकार – 3
👉 वाक्य के घटक होते है – 2
👉 वर्णों की संख्या – 52
👉 व्यंजन वर्णों की संख्या – 33
👉 संचारीभाव की संख्या – 33
👉 सात्विक भाव की संख्या – 8
👉 विभाव के भेद – 2
👉 काव्य के भेद – 2
👉 वेद कितने है – 4
👉 वेदांग कितने है – 6
👉 पुराण कितने है – 18
👉 बौद्धों के धर्म-ग्रन्थ – 3
👉 संगीत-स्वर के भेद – 3
👉 नायिका के भेद – 3
👉 नायक के भेद – 4
👉 श्रृंगार के भेद – 2
👉 हास्य के भेद – 6
👉 वीर-रस के भेद – 3
👉 काव्य के गुण – 3
👉 विद्याएँ -18
👉 विवाह प्रकार – 8
👉 माताएँ – 7
👉 रत्न के प्रकार – 9
👉 राशियाँ – 12
👉 दिन-रात के पहर – 8
👉 वायु के प्रकार – 5
👉 अग्नियाँ – 3
👉 गुण के प्रकार – 3
👉 शारीरिक दोष – 3
👉 लोक – 3
👉 ऋण के प्रकार – 3
👉 ताप – 3
👉 युग – 4
👉 पुरुषार्थ – 4
👉 वर्ण – 4
👉 दंड के प्रकार – 4
👉 शत्रु – 6
👉 संहिताएँ – 4
👉 भारतीय व्यक्ति-जीवन के संस्कार – 16
👉 ईश्वर के रूप – 2(सगुण, निर्गुण)
👉 भाषा के प्रकार – 2
👉 मूल स्वर के भेद – 3
👉 व्यंजनों के प्रकार – 3
👉 स्पर्श व्यंजन होते है – 25
👉 उष्म व्यंजन होते है – 4
👉 संयुक्त व्यंजन – 4
👉 वर्णों की मात्राएँ होती है – 10
👉 कंठ्य वर्णों की संख्या – 9
👉 तालव्य वर्णों की संख्या – 9
👉 प्रयोग की दृष्टि से शब्द-भेद – 2
👉 विकारी शब्द के प्रकार – 4
👉 अविकारी शब्द के प्रकार – 4
👉 उत्पति की दृष्टि से शब्द-भेद – 4
👉 व्युत्पत्ति या रचना की दृष्टि से शब्द भेद – 3
👉 वाक्य के भेद- अर्थ के आधार पर – 8
👉 वाक्य के भेद- रचना के आधार पर – 3
👉 विधेय के भाग – 6
👉 सर्वनाम की संख्या – 11
👉 प्रत्यय के भेद – 2
👉 रस के अंग – 4?
👉 अनुभाव के भेद – 4
👉 स्थायी भाव के प्रकार – 9
👉 श्रृंगार रस के प्रकार – 2
👉 संज्ञा के भेद – 5
👉 रचना के आधार पर संज्ञा के भेद – 3
👉 संधि के भेद – 3
👉 स्वर संधि के भेद – 5
👉 समास के भेद – 6
👉 तत्पुरुष समास के भेद – 6
👉 कारक के प्रकार – 8
👉 वचन कितने प्रकार के है – 2
👉 लिंग के प्रकार – 2
👉 काल के भेद – 3
👉 विशेषण के भेद – 4
👉 सर्वनाम के भेद – 6
👉 क्रिया विशेषण के भेद – 4
👉 क्रिया के प्रकार – 2
👉 छंद के प्रकार – 2
👉 अलंकार के प्रकार – 3
👉 रस कितने प्रकार के होते है – 9
👉 शब्द शक्ति के प्रकार – 3
👉 वाक्य के घटक होते है – 2
👉 वर्णों की संख्या – 52
👉 व्यंजन वर्णों की संख्या – 33
👉 संचारीभाव की संख्या – 33
👉 सात्विक भाव की संख्या – 8
👉 विभाव के भेद – 2
👉 काव्य के भेद – 2
👉 वेद कितने है – 4
👉 वेदांग कितने है – 6
👉 पुराण कितने है – 18
👉 बौद्धों के धर्म-ग्रन्थ – 3
👉 संगीत-स्वर के भेद – 3
👉 नायिका के भेद – 3
👉 नायक के भेद – 4
👉 श्रृंगार के भेद – 2
👉 हास्य के भेद – 6
👉 वीर-रस के भेद – 3
👉 काव्य के गुण – 3
👉 विद्याएँ -18
👉 विवाह प्रकार – 8
👉 माताएँ – 7
👉 रत्न के प्रकार – 9
👉 राशियाँ – 12
👉 दिन-रात के पहर – 8
👉 वायु के प्रकार – 5
👉 अग्नियाँ – 3
👉 गुण के प्रकार – 3
👉 शारीरिक दोष – 3
👉 लोक – 3
👉 ऋण के प्रकार – 3
👉 ताप – 3
👉 युग – 4
👉 पुरुषार्थ – 4
👉 वर्ण – 4
👉 दंड के प्रकार – 4
👉 शत्रु – 6
👉 संहिताएँ – 4
👉 भारतीय व्यक्ति-जीवन के संस्कार – 16
👉 ईश्वर के रूप – 2(सगुण, निर्गुण)
👉 भाषा के प्रकार – 2
👉 मूल स्वर के भेद – 3
👉 व्यंजनों के प्रकार – 3
👉 स्पर्श व्यंजन होते है – 25
👉 उष्म व्यंजन होते है – 4
👉 संयुक्त व्यंजन – 4
👉 वर्णों की मात्राएँ होती है – 10
👉 कंठ्य वर्णों की संख्या – 9
👉 तालव्य वर्णों की संख्या – 9
👉 प्रयोग की दृष्टि से शब्द-भेद – 2
👉 विकारी शब्द के प्रकार – 4
👉 अविकारी शब्द के प्रकार – 4
👉 उत्पति की दृष्टि से शब्द-भेद – 4
👉 व्युत्पत्ति या रचना की दृष्टि से शब्द भेद – 3
👉 वाक्य के भेद- अर्थ के आधार पर – 8
👉 वाक्य के भेद- रचना के आधार पर – 3
👉 विधेय के भाग – 6
👉 सर्वनाम की संख्या – 11
👉 प्रत्यय के भेद – 2
👉 रस के अंग – 4?
👉 अनुभाव के भेद – 4
👉 स्थायी भाव के प्रकार – 9
👉 श्रृंगार रस के प्रकार – 2
👉 नाटक में रस – 8



बौद्ध धर्म से संबंधित महत्वपूर्ण प्रश्न

  बौद्ध धर्म  



❖ बौद्ध धर्म के संस्थापक - गौतम बुद्ध

❖ चतुर्थ बौद्ध संगीति के उपाध्यक्ष - अश्वघोष

❖ महात्मा बुद्ध की जन्म स्थली लुम्बिनी वन किस महाजनपद के अंतर्गत आती थी - कोशल महाजनपद

❖ महात्मा बुद्ध की शौतेली माता का नाम - प्रजापति गौतमी

❖ बुद्ध के प्रथम दो अनुयायी - काल्लिक तथा तपासु

❖ बुद्ध ने कितने वर्ष की अवस्था में गृह त्याग किया - 29 वर्ष की आयु में

❖ महात्मा बुद्ध द्वारा दिया गया अंतिम उपदेश - सभी वस्तुएँ क्षरणशील होती हैं अतः मनुष्य को अपना पथ-प्रदर्शक स्वयं होना चाहिए।

❖ किसे Light of Asia के नाम से जाना जाता है - महात्मा बुद्ध

❖ चतुर्थ बौद्ध संगीति किसके शासनकाल में हुई - कनिष्क (कुषाण वंश) के शासनकाल में

❖ बौद्ध धर्म के त्रिरत्न - बुद्ध, धम्म, संघ

❖ महात्मा बुद्ध की माता का नाम - मायादेवी

❖ बुद्धकाल में वाराणसी क्यों प्रसिद्ध था - हाथी दाँत के लिए

❖ तृतीय बौद्ध संगीति कहाँ, कब तथा किसकी अध्यक्षता में हुई - पाटलिपुत्र में, 251 ई.पू.में, मोग्गलिपुत्त तिस्स की अध्यक्षता में

❖ गौतम बुद्ध का जन्म कब हुआ - 563 ई.पू.

❖ जिस स्थान पर बुद्ध को ज्ञान की प्राप्ति हुई वह स्थान - बोधगया

❖ चतुर्थ बौद्ध संगीति के आयोजन का उद्देश्य - बौद्ध धर्म का दो समप्रदायों में विभक्त होना – हीनयान तथा महायान।

❖ बुद्धकाल में पत्थर का काम करने वाले कहलाते थे - कोहक

❖ गौतम बुद्ध के पिता का नाम - शुद्धोधन

❖ गौतम बुद्ध के बेटे का नाम - राहुल

❖ बौद्ध साहित्य में प्रयुक्त संथागार शब्द का तात्पर्य - राज्य संचालन के लिये गठित परिषद

❖ गौतम बुद्ध का जन्म स्थान - कपिलवस्तु का लुम्बिनी नामक स्थान में

❖ बुद्ध ने अपना प्रथम उपदेश कहाँ दिया - सारनाथ

❖ महात्मा बुद्ध के गृह त्याग की घटना क्या कहलाती है - महाभिनिष्क्रमण

❖ तृतीय बौद्ध संगीति का आयोजन किसके शासनकाल में हुआ - सम्राट अशोक (मौर्य वंश) के शासनकाल में

❖ महात्मा बुद्ध के बचपन का नाम - सिद्धार्थ



भारत की प्रमुख चित्रकला और संबंधित राज्य

 📚 "भारत की प्रमुख चित्रकला और संबंधित राज्य"




📘 "पट्टचित्र" ➠ उडीसा
📘 "कालीघाट" ➠ पश्चिम बंगाल
📘 “वारली" ➠ महाराष्ट्र
📘 “रंगवाली" ➠ कर्नाटक
📘 "पिथोरा" ➠ गुजरात
📘 "थांका" ➠ हिन्दूधर्म
📘 "चिनकारी" ➠ लखनऊ
📘 "कलमकारी" ➠ आंध्रप्रदेश
📘 "मुग्गुलु" ➠ आंध्र प्रदेश
📘 "अरिपन" ➠ बिहार
📘 "मधुबनी" ➠ बिहार
📘 "अल्पना" ➠ पश्चिम बंगाल
📘 "अथिया" ➠ गुजरात
📘 "रंगोली" ➠ महाराष्ट्र
📘 "अरोफ" ➠ हिमाचल प्रदेश
📘 "कलमा जट्टू" ➠ केरल
📘"ऐपन" ➠ उत्तराखंड
📘 "चौक पूर्णा " ➠ उत्तर प्रदेश
📘 "मांर्डणा" ➠ राजस्थान
📘 “फड़" ➠ राजस्थान
📘 "लघु" ➠ राजस्थान
📘 "गोंर्ड" ➠ मध्यप्रदेश
📘 “बाघ" ➠ मध्यप्रदेश
📘 “कोल्लम" ➠ तमिलनाडु
📘 "तंजौर" ➠ तमिलनाडु
📘 "चैरियल" ➠ तेलंगाना
📘 "फुलकारी" ➠ पंजाब


विश्व के प्रमुख संगठन और उनके मुख्यालय

विश्व के प्रमुख संगठन और उनके मुख्यालय


📮1. रेडक्रॉस 👉 जेनेवा

📮2. इंटरपोल (INTERPOL) 👉 पेरिस (लेओंस)

📮3. एशियाई विकास बैंक (ADB) 👉 मनीला

📮4. विश्व वन्य जीव संरक्षण कोष (WWF) 👉 ग्लांड(स्विट्ज़रलैंड)

📮5. नाटो (NATO) 👉 ब्रुसेल्स

📮6. अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय 👉 हेग

📮7. यूनिसेफ 👉 न्यूयॉर्क

📮8. सार्क (SAARC) 👉 काठमाण्डु

📮9. संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (UNEP) 👉 नैरोबी

📮10. गैट (GATT) 👉 जेनेवा

📮11. विश्व व्यापार संगठन (WTO) 👉 जेनेवा

📮12. अमरीकी राज्यों का संगठन (OAS) 👉 वाशिंगटन डी. सी.

📮13. अरब लीग 👉 काहिरा

📮14. परस्पर आर्थिक सहायता परिषद् (COMECON) 👉 मास

📮15. वर्ल्ड काउंसिल ऑफ़ चर्चेज (WCC) 👉 जेनेवा

📮16. यूरोपीय ऊर्जा आयोग (EEC) 👉 जेनेवा

📮17. अफ़्रीकी आर्थिक आयोग (ECA) 👉 आदिस-अबाबा

📮18. यूरोपीय मुक्त व्यापार संघ (ECTA) 👉 जेनेवा

📮19. संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी उच्चायोग (UNHCR) 👉 जेनेवा

📮20. अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) 👉 वियना

📮21. पश्चिमी एशिया आर्थिक आयोग (ECWA) 👉 बगदाद

📮22. संयुक्त राष्ट्र व्यापार एवं विकास सम्मलेन (UNCTAD) 👉 जेनेवा

📮23. एमनेस्टी इंटरनेशनल 👉 लंदन

📮24. अंतर्राष्ट्रीय ओलम्पिक कमिटी (IOC) 👉 लुसाने

📮25. यूरोपीय कॉमन मार्केट (ECM) 👉 जेनेवा

📮26. राष्ट्रमंडलीय राष्ट्राध्यक्ष सम्मलेन (CHOGM) 👉 स्ट्रान्सबर्ग

📮27. पेट्रोलियम उत्पादक देशों का संगठन (OPEC) 👉 वियना

📮28. आर्थिक सहयोग और विकास संगठन (OECD) 👉 पेरिस

📮29. यूरोपियन परमाणु ऊर्जा समुदाय (EURATON) 👉 ब्रुसेल्स

📮30. राष्ट्रमंडल (कॉमनवेल्थ) 👉 लंदन

📮31. यूरोपीय आर्थिक समुदाय (EEC) 👉 जेनेवा




भारत की कुछ राष्ट्रीय राजमार्गो की सूची ( National Highway )

 राष्ट्रीय राजमार्ग ( National Highway )

 




राष्ट्रीय राजमार्ग (NH) 1 (km. 456) – दिल्ली से अमृतसर तथा भारत-पाकिस्तान सीमा तक

राष्ट्रीय राजमार्ग (NH) 1A (km. 663) – जलंधर से उरी तक

राष्ट्रीय राजमार्ग (NH) 1B (km. 274) – बटोटे से खानाबल तक

राष्ट्रीय राजमार्ग (NH) 1C (km. 8) – डोमेल से कटरा तक

राष्ट्रीय राजमार्ग (NH) 1D (km. 422) – श्रीनगर से कारगिल से लेह तक

राष्ट्रीय राजमार्ग (NH) 2 (km. 1,465) – दिल्ली से कोलकाता तक

राष्ट्रीय राजमार्ग (NH) 2A (km. 25) – सिकन्दरा से भोगनीपुर तक

राष्ट्रीय राजमार्ग (NH) 2B (km. 52) – बर्धमान से बोलपुर तक

राष्ट्रीय राजमार्ग (NH) 3 (km. 1,161) – आगरा से मुम्बई तक

राष्ट्रीय राजमार्ग (NH) 4 (km. 1,235) – थाणे के पास राष्ट्रीय राजमार्ग 3 से चेन्नई तक

राष्ट्रीय राजमार्ग (NH) 4A (km. 153) – बेलगाम से पणजी तक

राष्ट्रीय राजमार्ग (NH) 4B (km. 27) – नवाशेवा से पाल्सपे तक

राष्ट्रीय राजमार्ग (NH) 5 (km. 1,533) – राष्ट्रीय राजमार्ग 6 से चेन्नई तक

राष्ट्रीय राजमार्ग (NH) 5A (km. 77) – राष्ट्रीय राजमार्ग 5 के पास से पारादीप बंदरगाह तक

राष्ट्रीय राजमार्ग (NH) 6 (km. 1,949) – हजीरा से कोलकाता तक

राष्ट्रीय राजमार्ग (NH) 7 (km. 2,369) – वाराणसी से कन्याकुमारी तक

राष्ट्रीय राजमार्ग NH) 7A (km. 51) – लयमकोट्टई से तूतीकोरन बंदरगाह तक

राष्ट्रीय राजमार्ग (NH) 8 (km. 1,428) – दिल्ली से मुंबई तक

राष्ट्रीय राजमार्ग (NH) 8A (km. 473) – अहमदाबाद से मांडवी तक

राष्ट्रीय राजमार्ग (NH) 8B (km. 206) – बामनबोर से पोरबंदर तक

राष्ट्रीय राजमार्ग (NH) 8C (km. 46) – चिलोड़ा से सरखेज तक

राष्ट्रीय राजमार्ग (NH) 8D (km. 127) – जेतपुर से सोमनाथ तक

राष्ट्रीय राजमार्ग (NH) 8E (km. 220) – सोमनाथ से भावनगर तक

राष्ट्रीय राजमार्ग (NH) NE 1 (km. 93) – अहमदाबाद से वडोडरा तक

एक्सप्रेस वेराष्ट्रीय राजमार्ग (NH) 9 (km. 841) – मुणे से मछलीपट्टनम तक

राष्ट्रीय राजमार्ग (NH) 10 (km. 403) – दिल्ली से फज़िल्का से भारत पाकिस्तान सीमा तक

राष्ट्रीय राजमार्ग (NH) 11 (km. 582) – आगरा से बीकानेर तक

राष्ट्रीय राजमार्ग (NH) 11A (km. 145) – मनोहरपुर से कोथम तक

राष्ट्रीय राजमार्ग (NH) 11B (km. 180) – लालसोट से धौलपुर तक

राष्ट्रीय राजमार्ग (NH) 12 (km. 890) – जबलपुर से जयपुर तक

राष्ट्रीय राजमार्ग (NH) 12A (km. 333) – जबलपुर से झाँसी तक

राष्ट्रीय राजमार्ग (NH) 13 (km. 691) – शोलापुर से मंगलौर तक

राष्ट्रीय राजमार्ग (NH) 14 (km. 450) – बीवार से राधापुर तक

राष्ट्रीय राजमार्ग (NH) 15 (km. 1,526) – पठानकोट से समाखियाली तक

राष्ट्रीय राजमार्ग (NH) 16 (km. 460) – निजामाबाद से जगदलपुर तक

राष्ट्रीय राजमार्ग (NH) 17 (km. 1,269) – पानवेल से इदपल्ली तक

राष्ट्रीय राजमार्ग (NH) 17A (km. 19) – राष्ट्रीय राजमार्ग 7 के पास कोर्टलम से मढ़गाव तक

राष्ट्रीय राजमार्ग (NH) 17B (km. 40) – पोंडा से वास्को तक

राष्ट्रीय राजमार्ग (NH) 18 (km. 369) – राष्ट्रीय राजमार्ग 7 के पास कुरनूल से राष्ट्रीय राजमार्ग 4 के पास चित्तूर तक

राष्ट्रीय राजमार्ग (NH) 18A (km. 50) – तिरुपति से पुथलपट्टू तक

राष्ट्रीय राजमार्ग (NH) 19 (km. 240) – गाजीपुर से पटना तक

राष्ट्रीय राजमार्ग (NH) 20 (km. 220) – पठानकोट से मंडी तक

राष्ट्रीय राजमार्ग (NH) 21 (km. 323) – चंड़ीगढ़ के पास राष्ट्रीय राजमार्ग 22 से मनाली तक

राष्ट्रीय राजमार्ग (NH) 21A (km. 65) – पिंजौर से स्वारघाट तक

राष्ट्रीय राजमार्ग (NH) 22 (km. 459) – अंबाला से भारत चीन सीमा के पास शिपकिला तक

राष्ट्रीय राजमार्ग (NH) 23 (km. 459) – चस से राष्ट्रीय राजमार्ग 42 के संगम तक

राष्ट्रीय राजमार्ग (NH) 24 (km. 438) – दिल्ली से लखनऊ तक

राष्ट्रीय राजमार्ग (NH) 24A (km. 17) – बख्शी का तालाब से चेन्हट (राष्ट्रीय राजमार्ग 28) तक

राष्ट्रीय राजमार्ग (NH) 25 (km. 352) – लखनऊ से शिवपुरी तक

राष्ट्रीय राजमार्ग (NH) 25A (km. 31) – राष्ट्रीय राजमार्ग 25 से बख्शी का तालाब तक

राष्ट्रीय राजमार्ग (NH) 26 (km. 396) – झाँसी से लखनादौन तक

राष्ट्रीय राजमार्ग (NH) 27 (km. 93) – इलाहाबाद से मंगावन तक

राष्ट्रीय राजमार्ग (NH) 28 (km. 570) – बरौनी के पास राष्ट्रीय राजमार्ग 31 से लखनऊ तक

राष्ट्रीय राजमार्ग (NH) 28A (km. 68) – पिपरा के पास राष्ट्रीय राजमार्ग 28 से भारत नेपाल सीमा तक

राष्ट्रीय राजमार्ग (NH) 28B (km. 121) – छपवा से छपरा से राष्ट्रीय राजमार्ग 28 ए के पास बाघा तक

राष्ट्रीय राजमार्ग (NH) 28C (km. 184) – बारबंकी से नेपाल सीमा तक


शनिवार, 30 जनवरी 2021

गाँधी जी के उपनाम से जाने जाने वाले व्यक्ति





1- श्रीलंका के गांधी के रूप में जाना जाता है?

✅ए.टी. अरियाराटने


2- किसे सीमांत गांधी नाम से जाना जाता है?

 ✅खान अब्दुल गफ्फार खान


3- किसे बिहार के गाँधी के रूप में जाना जाता है?

✅डॉ राजेन्द्र प्रसाद


4- आधुनिक गांधी के रूप में किसे जाना जाता है?

✅बाबा आम्टे


5- अमेरिकेन गांधी के रूप में कौन जाना जाता है?

✅मार्टिन लूथर किंग


6- बर्मी गांधी के रूप में कौन जाना जाता है?

✅जनरल आंग सान


7- अफ्रीकी गांधी के रूप में किसे जाना जाता है?

✅केनेथ कौंडा


8- दक्षिण अफ्रीका के गांधी के रूप में जाना जाता है?

✅नेल्सन मंडेला

कुछ महान कार्यों से सम्बंधित व्यक्ति।

कुछ संस्थान और उनके संस्थापक - 




1. ब्रह्म समाज – राजाराममोहन राय


2. आर्य समाज – स्वामी दयानंद सरस्वती


3. प्रार्थना समाज – आत्माराम पांडुरंग


4. दीन-ए-इलाही, मनसबदारी प्रथा – अकबर


5. भक्ति आंदोलन – रामानुज


6. सिख धर्म – गुरु नानक


7. बौद्ध धर्म – गौतमबुद्ध


8. जैन धर्म – महावीर स्वामी


9. इस्लाम धर्म की स्थापना, हिजरी सम्वत – हजरत मोहम्मद साहब


10. पारसी धर्म के प्रवर्तक – जर्थुष्ट


11. शक सम्वत – कनिष्क


12. मौर्य वंश का संस्थापक – चन्द्रगुप्त मौर्य


13. न्याय दर्शन – गौतम


14. वैशेषिक दर्शन – महर्षि कणाद


15. सांख्य दर्शन – महर्षि कपिल


16. योग दर्शन – महर्षि पतंजली


17. मीमांसा दर्शन – महर्षि जैमिनी


18. रामकृष्ण मिशन – स्वामी विवेकानंद


19. गुप्त वंश का संस्थापक – श्रीगुप्त


20. खालसा पन्थ – गुरु गोविन्द सिंह


21. मुगल साम्राज्य की स्थापना – बाबर


22. विजयनगर साम्राज्य की स्थापना – हरिहर व बुक्का


23. दिल्ली सल्तनत की स्थापना – कुतुबुद्दीन ऐबक


24. सतीप्रथा का अंत – लॉर्ड विलियम बेंटिक


25. आंदोलन : असहयोग,सविनय अवज्ञा, खेडा, चम्पारन, नमक, भारत छोडो – महात्मा गाँधी


26. हरिजन संघ की स्थापना – महात्मा गाँधी


27. आजाद हिंद फ़ौज की स्थापना – रास बिहारी बोस


28. भूदान आंदोलन – आचार्य विनोबा भावे


29. रेड क्रॉस – हेनरी ड्यूनेंट


30. स्वराज पार्टी की स्थापना – पंडित मोतीलाल नेहरु


31. गदर पार्टी की स्थापना – लाला हरदयाल


32. ‘वन्देमातरम्’ के रचियता – बंकिमचन्द्र चटर्जी


33. स्वर्ण मंदिर का निर्माण – गुरु अर्जुन देव


34. बारदोली आंदोलन – वल्लभभाई पटेल


35. पाकिस्तान की स्थापना – मो० अली जिन्ना


36. इंडियन एसोशिएशन की स्थापना – सुरेन्द नाथ बनर्जी


37. ओरुविले आश्रम की स्थापना- अरविन्द घोष


38. रुसी क्रांति के जनक – लेनिन


39. जामा मस्जिद का निर्माण – शाहजहाँ


40. विश्व भारती की स्थापना – रवीन्द्रनाथ टैगोर

राष्ट्रीय आंदोलन की महत्वपूर्ण घटनाएं




►1904 ➖ भारतीय विश्वविद्यालय अधिनियम पारित

►1905 ➖ बगाल का विभाजन

►1906 ➖ मस्लिम लीग की स्थापना

►1907 ➖ सरत अधिवेशन, कांग्रेस में फूट

►1909 ➖ मार्ले-मिंटो सुधार

►1911 ➖ बरिटिश सम्राट का दिल्ली दरबार

►1916 ➖ होमरूल लीग का निर्माण

►1916 ➖ मस्लिम लीग-कांग्रेस समझौता (लखनऊ पैक्ट)

►1917 ➖ महात्मा गाँधी द्वारा चंपारण में आंदोलन

►1919 ➖ रौलेट अधिनियम

►1919 ➖ जलियाँवाला बाग हत्याकांड

►1919 ➖ मांटेग्यू-चेम्सफोर्ड सुधार

►1920 ➖ खिलाफत आंदोलन

►1920 ➖ असहयोग आंदोलन

►1922 ➖ चौरी-चौरा कांड

►1927 ➖ साइमन कमीशन की नियुक्ति

►1928 ➖ साइमन कमीशन का भारत आगमन

►1929 ➖ भगतसिंह द्वारा केन्द्रीय असेंबली में बम विस्फोट

►1929 ➖ कांग्रेस द्वारा पूर्ण स्वतंत्रता की माँग

►1930 ➖ सविनय अवज्ञा आंदोलन

►1930 ➖ परथम गोलमेज सम्मेलन

►1931 ➖ दवितीय गोलमेज सम्मेलन

►1932 ➖ ततीय गोलमेज सम्मेलन

►1932 ➖ सांप्रदायिक निर्वाचक प्रणाली की घोषणा

►1932 ➖ पना पैक्ट

►1942 ➖ भारत छोड़ो आंदोलन

►1942 ➖ करिप्स मिशन का आगमन

►1943 ➖ आजाद हिन्द फौज की स्थापना

►1946 ➖ कबिनेट मिशन का आगमन

►1946 ➖ भारतीय संविधान सभा का निर्वाचन

►1946 ➖ अतरिम सरकार की स्थापना

►1947 ➖ भारत के विभाजन की माउंटबेटन योजना

►1947 ➖ भारतीय स्वतंत्रता प्राप्ति

गुरुवार, 12 दिसंबर 2019

आपराधिक न्याय प्रणाली में सुधार की आवश्यकता



“मुझे यह देखकर अत्यंत दुख होता है कि देश की न्यायिक व्यवस्था लगभग ध्वस्त होने की कगार पर है। ये शब्द काफी कठोर हैं, परंतु इन शब्दों में काफी पीड़ा निहित है।”

- मुख्य न्यायाधीश पी एन भगवती (26 नवंबर, 1985)

संदर्भ-

बीते दिनों बलात्कार के चार आरोपियों की मुठभेड़ में हुई मौत ने देश में ‘एक्स्ट्रा जुडिशियल किलिंग’, ‘फेक एनकाउंटर’ और ‘त्वरित न्याय’ जैसे मुद्दों को एक बार पुनः चर्चा के केंद्र में ला खड़ा किया है। इसी बीच उत्तर प्रदेश पुलिस ने भी दावा किया है कि बीते 2 वर्षों में राज्य में हुई कुल 5,178 मुठभेड़ों में 103 अपराधियों की मौत हुई है और लगभग 1,859 घायल हो गए। एक्स्ट्रा जुडिशियल किलिंग की बढ़ती घटनाओं को देखते हुए यह स्पष्ट तौर पर कहा जा सकता है कि देश की आपराधिक न्याय प्रणाली लगभग ध्वस्त होने की कगार पर है और आम आदमी ने इसमें अपना भरोसा खो दिया है। जानकारों का कहना है कि ऐसे समय में आवश्यक है कि सरकार आपराधिक न्याय प्रणाली में यथासंभव सुधार करे ताकि देश की न्यायिक व्यवस्था पर एक बार फिर आम नागरिक का भरोसा कायम हो सके।

आपराधिक न्याय प्रणाली का अर्थ-

आपराधिक न्याय प्रणाली का तात्पर्य सरकार की उन एजेंसियों से है जो कानून लागू करने, आपराधिक मामलों पर निर्णय देने और आपराधिक आचरण में सुधार करने हेतु कार्यरत हैं।
वास्तव में आपराधिक न्याय प्रणाली सामाजिक नियंत्रण का एक साधन होती है, क्योंकि समाज कुछ व्यवहारों को इतना खतरनाक और विनाशकारी मानता है कि वह उन्हें नियंत्रित करने का भरपूर प्रयास करता है।
इस प्रकार की घटनाओं को रोकने, उन्हें नियंत्रित करने और ऐसा करने वालों को दंडित करने का कार्य न्यायिक संस्थानों द्वारा किया जाता है।
आपराधिक न्याय प्रणाली के मूलतः 3 तत्त्व हैं:
कानून प्रवर्तन: कानून प्रवर्तन एजेंसियाँ अपने निर्धारित क्षेत्राधिकार में अपराधों की रिपोर्ट करती हैं और इस संबंध में जाँच करती हैं। साथ ही उनका कार्य सभी आपराधिक साक्ष्यों को एकत्रित करना एवं उनकी रक्षा करना भी होता है। उल्लेखनीय है कि कानून प्रवर्तन एजेंसियों को भारतीय आपराधिक न्याय प्रणाली का एक महत्त्वपूर्ण अंग माना जाता है।
अधिनिर्णयन: अधिनिर्णयन संस्थाएँ आपराधिक न्याय प्रणाली का एक अभिन्न अंग हैं और इन्हें मुख्यतः 3 भागों में विभाजित किया गया है:
न्यायालय: न्यायालय की कार्रवाई न्यायाधीशों द्वारा नियंत्रित की जाती है। इनका मुख्य कार्य यह निर्धारित करना होता है कि किसी आरोपी ने अपराध किया है या नहीं और यदि किया है तो क्या सज़ा दी जानी चाहिये।
अभियोजन: अभियोजनकर्त्ता वे वकील होते हैं जो न्यायालय की संपूर्ण कार्रवाई में राज्य का प्रतिनिधित्व करते हैं। अभियोजनकर्त्ता कानून प्रवर्तन एजेंसियों द्वारा एकत्रित साक्ष्यों की समीक्षा करता है और यह निर्णय लेता है कि क्या केस छोड़ देना चाहिये या मुकदमा दायर किया जाना चाहिये।
बचाव पक्ष का वकील: ये सरकार द्वारा दायर मुकदमे के विरुद्ध न्यायालय में आरोपी का प्रतिनिधित्व करते हैं। अदालत के मुकदमे हेतु बचाव पक्ष इन वकीलों को कुछ पारिश्रमिक पर नियुक्त करता है, परंतु यदि आरोपी इस कार्य हेतु समर्थ नहीं है तो न्यायलय द्वारा भी इसकी नियुक्ति की जाती है।
सुधारगृह या कारावास: इस संस्था का प्रमुख कार्य न्यायालय द्वारा दोषी ठहराए गए अपराधियों की निगरानी करना एवं उन्हें बुनियादी सुविधाएँ प्रदान करना है।
आपराधिक न्याय प्रणाली का उद्देश्य-

आपराधिक घटनाओं को रोकना।
अपराधियों को दंड देना।
अपराधियों के पुनर्वास की व्यवस्था करना।
पीड़ितों को यथासंभव मुआवज़ा देना।
समाज में कानून व्यवस्था बनाए रखना।
आपराधिक न्याय प्रणाली का विकास

भारत में आपराधिक न्याय का एक लंबा इतिहास है। इस संदर्भ में प्राचीन काल में विभिन्न प्रणालियों का विकास हुआ और विभिन्न शासकों द्वारा उन्हें लागू करने का यथासंभव प्रयास किया गया।
विदित है कि भारत में आपराधिक कानूनों का संहिताकरण ब्रिटिश शासन के दौरान किया गया था, जो कमोबेश 21वीं सदी में भी समान ही है।
सर्वप्रथम लॉर्ड वॉरेन हेस्टिंग (1774-85) ने तत्कालीन प्रचलित मुस्लिम आपराधिक न्याय प्रणाली के दोषों और असमानताओं की पहचान की।
हालाँकि इस संदर्भ में सबसे बड़ा परिवर्तन भारतीय दंड संहिता के निर्माण के साथ आया। भारतीय दंड संहिता (IPC) वर्ष 1860 में लॉर्ड थॉमस मैकाले की अध्यक्षता में गठित भारत के पहले विधि आयोग की सिफारिशों के आधार पर निर्मित की गई थी।
इसके अलावा दंड प्रक्रिया संहिता (CrPC) को वर्ष 1973 में अधिनियमित किया गया और 1974 में इसे लागू किया गया।

नागरिकता संशोधन बिल- 2019




🏕 देश भर में हो रहे विरोध प्रदर्शनों के बीच लोकसभा में नागरिकता (संशोधन) विधेयक, 2019 पारित कर दिया गया। विदित हो कि नागरिकता संशोधन विधेयक के माध्यम से नागरिकता अधिनियम, 1955 में संशोधन किया जाएगा। इस विधेयक में बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान से आए हुए धार्मिक अल्पसंख्यकों को भारतीय नागरिकता देने का प्रस्ताव किया गया है। ध्यातव्य है कि इससे पूर्व वर्ष 2016 में भी केंद्र सरकार ने नागरिकता (संशोधन) विधेयक सदन के समक्ष प्रस्तुत किया था, हालाँकि लोकसभा से पारित होने के बावजूद भारी विरोध प्रदर्शन के कारण सरकार ने इसे राज्यसभा में प्रस्तुत नहीं किया। वर्तमान विधेयक को लेकर भी देश के कई हिस्सों खासकर पूर्वोत्तर के राज्यों में काफी प्रदर्शन हो रहे हैं। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि भारत एक धर्मनिरपेक्ष राज्य है और धार्मिक आधार पर देश की नागरिकता को परिभाषित करना भारतीय संविधान के प्रावधानों का उल्लंघन है।

क्या कहता है नागरिकता संशोधन विधेयक, 2019?

विधेयक में यह प्रावधान किया गया है कि 31 दिसंबर, 2014 को या उससे पहले भारत में आकर रहने वाले अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान के हिंदुओं, सिखों, बौद्धों, जैनियों, पारसियों और ईसाइयों को अवैध प्रवासी नहीं माना जाएगा।

नागरिकता अधिनियम, 1955 अवैध प्रवासियों को भारतीय नागरिकता प्राप्त करने से प्रतिबंधित करता है। इस अधिनियम के तहत अवैध प्रवासी को ऐसे व्यक्ति के रूप में परिभाषित किया गया है: (1) जिसने वैध पासपोर्ट या यात्रा दस्तावेज़ों के बिना भारत में प्रवेश किया हो, या (2) जो अपने निर्धारित समय-सीमा से अधिक समय तक भारत में रहता है।

विदित हो कि अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान से आने वाले धार्मिक अल्पसंख्यकों को उपरोक्त लाभ प्रदान करने के लिये उन्हें विदेशी अधिनियम, 1946 और पासपोर्ट (भारत में प्रवेश) अधिनियम, 1920 के तहत भी छूट प्रदान करनी होगी, क्योंकि वर्ष 1920 का अधिनियम विदेशियों को अपने साथ पासपोर्ट रखने के लिये बाध्य करता है, जबकि 1946 का अधिनियम भारत में विदेशियों के प्रवेश और प्रस्थान को नियंत्रित करता है।

वर्ष 1955 का अधिनियम कुछ शर्तों (Qualification) को पूरा करने वाले व्यक्ति (अवैध प्रवासियों के अतिरिक्त) को नागरिकता प्राप्ति के लिये आवेदन करने की अनुमति प्रदान करता है। अधिनियम के अनुसार, इसके लिये अन्य बातों के अलावा उन्हें आवेदन की तिथि से 12 महीने पहले तक भारत में निवास और 12 महीने से पहले 14 वर्षों में से 11 वर्ष भारत में बिताने की शर्त पूरी करनी पड़ती है।

उल्लेखनीय है कि लोकसभा द्वारा पारित हालिया संशोधन विधेयक अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान से आए हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी तथा ईसाई प्रवासियों के लिये 11 वर्ष की शर्त को घटाकर 5 वर्ष करने का प्रावधान करता है।

विधेयक के अनुसार, नागरिकता प्राप्त करने पर ऐसे व्यक्तियों को भारत में उनके प्रवेश की तारीख से भारत का नागरिक माना जाएगा और अवैध प्रवास या नागरिकता के संबंध में उनके खिलाफ सभी कानूनी कार्यवाहियाँ बंद कर दी जाएंगी।

अवैध प्रवासियों के लिये नागरिकता संबंधी उपरोक्त प्रावधान संविधान की छठी अनुसूची में शामिल असम, मेघालय, मिज़ोरम और त्रिपुरा के आदिवासी क्षेत्रों पर लागू नहीं होंगे।

इसके अलावा ये प्रावधान बंगाल ईस्टर्न फ्रंटियर रेगुलेशन, 1873 के तहत अधिसूचित ‘इनर लाइन’ क्षेत्रों पर भी लागू नहीं होंगे। ज्ञात हो कि इन क्षेत्रों में भारतीयों की यात्राओं को ‘इनर लाइन परमिट’ के माध्यम से विनियमित किया जाता है।

वर्तमान में यह परमिट व्यवस्था अरुणाचल प्रदेश, मिज़ोरम और नगालैंड में लागू है।

नागरिकता अधिनियम, 1955 के अनुसार, केंद्र सरकार किसी भी OCI कार्डधारक के पंजीकरण को निम्नलिखित आधार पर रद्द कर सकती है:

यदि OCI पंजीकरण में कोई धोखाधड़ी सामने आती है।

यदि पंजीकरण के पाँच साल के भीतर OCI कार्डधारक को दो साल या उससे अधिक समय के लिये कारावास की सज़ा सुनाई गई है।

यदि ऐसा करना भारत की संप्रभुता और सुरक्षा के लिये आवश्यक हो।

प्रस्तावित विधेयक में OCI कार्डधारक के पंजीकरण को रद्द करने के लिये एक और आधार जोड़ने की बात की गई है, जिसके तहत यदि OCI कार्डधारक अधिनियम के प्रावधानों या केंद्र सरकार द्वारा अधिसूचित कोई अन्य कानून का उल्लंघन करता है तो भी केंद्र के पास उस OCI कार्डधारक के पंजीकरण को रद्द करने का अधिकार होगा।

Current affair Hindi 12 December 2019



● जिसे हाल ही में नोबेल शांति पुरस्कार 2019 से पुरस्कृत किया गया है- अबी अहमद अली


• प्रत्येक साल अंतरराष्ट्रीय पर्वत दिवस जिस तारीख को मनाया जाता है-11 दिसंबर

• केंद्र सरकार के अनुसार जिस योजना के तहत अब तक 10 लाख करोड़ रुपये के ऋण दिए जा चुके हैं- प्रधानमंत्री मुद्रा योजना

• SIPRI की रिपोर्ट के मुताबिक भारत के सार्वजनिक क्षेत्र की तीन शीर्ष रक्षा कंपनियों की सामूहिक बिक्री 2018 में 6.9 प्रतिशत घटकर जितने अरब अमेरिकी डॉलर रह गई-5.9 अरब अमेरिकी डॉलर

• जिस देश की तेल उत्पादक कंपनी सऊदी अरामको $1.9 लाख करोड़ मूल्यांकन के साथ विश्व की सबसे मूल्यवान सूचीबद्ध कंपनी बन गई है- सऊदी अरब

• जिसके द्वारा किया गया ट्वीट भारत का ‘गोल्डन ट्वीट ऑफ़ 2019’ कहा गया है- नरेंद्र मोदी

• हाल ही में जारी CCPI 2019 रैंकिंग में भारत को जो स्थान मिला है- नौंवां

• एशियाई विकास बैंक (एडीबी) ने 2019-20 के लिये भारत की आर्थिक वृद्धि दर का अनुमान 6.5 प्रतिशत से घटाकर जितने प्रतिशत कर दिया है-5.1 प्रतिशत

• जिस बॉलीवुड एक्टर को नेशनल एंटी-डोपिंग एजेंसी (NADA) ने अपना ब्रांड एंबेसडर नियुक्त किया है- सुनील शेट्टी

• 13वें एशियाई खेलों में भारत ने जितने पदक जीते हैं-312